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कोविड-19 संकट के दौरान स्वयं की देखभाल और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए आयुर्वेद के उपाय

कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप से दुनिया भर में पूरी मानव जाति पीड़ित है। ऐसे में शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बेहतर करनाशरीर को निरोगी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम सभी जानते हैं कि रोकथाम ही बेहतर इलाज है। हालांकि अभी तक कोविड-19 की कोई दवा नहीं बनी हैलेकिन इस समय निवारक उपाय करना अच्छा रहेगा क्‍योंकि इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

जीवन का विज्ञान होने के नातेआयुर्वेदस्वस्थ एवं प्रसन्‍न रहने के लिए प्रकृति के उपहारों के इस्‍तेमाल पर जोर देता है। स्‍वस्‍थ जीवन के लिए निवारक उपाय संबंधी आयुर्वेद का व्यापक ज्ञान ‘दिनचर्या’ और ‘ऋतुचर्या’ की अवधारणाओं पर आधारित है। यह पादप आधारित विज्ञान है। अपने बारे में जागरूकता, सादगी और सामंजस्य से व्‍यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखते हुए उसे और बेहतर कर सकता है। आयुर्वेद शास्‍त्रों में इस पर काफी जोर दिया गया है।

आयुष मंत्रालय श्वसन संबंधी स्वास्थ्य के विशेष संदर्भ के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और निवारक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के लिए निम्नलिखित दिशानिर्देशों की सिफारिश करता है। ये आयुर्वेदिक साहित्य एवं वैज्ञानिक पत्र-पत्रिकाओं पर आधारित हैं।

सामान्य उपाय

      1. पूरे दिन गर्म पानी पिएं।

      2. आयुष मंत्रालय (#योगएटहोम #स्‍टेहोम #स्‍टेसेफ) की सलाह के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्‍यान का अभ्यास करें।

      3. खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुनजैसे मसालों के उपयोग की सलाह दी जाती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

      1. प्रतिदिन सुबह 1 चम्‍मच यानी 10 ग्राम च्यवनप्राशलें। मधुमेह रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश लेनाचाहिए।

      2. तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सौंठ और मुनक्‍का से बना काढ़ा/ हर्बल टी दिन में एक या दो बार लें। यदि आवश्‍यक हो तो अपने स्‍वाद के अनुसार गुड़ या ताजा नींबू का रस मिलाएं।

      3. गोल्डन मिल्क- 150 मिली गर्म दूध में आधी चम्मच हल्दी पाउडर- दिन में एक या दो बार लें।

सरल आयुर्वेदिक प्रक्रियाएं

      1. नाक का अनुप्रयोग – सुबह और शाम को नाक में तिल का तेल/ नारियल का तेल या घी लगायें।

      2. ऑयल पुलिंग थेरेपी– 1 चम्‍मच तिल या नारियल का तेल मुंह में लें। उसे पियें नहीं बल्कि 2 से 3 मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर थूक दें।उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें। ऐसा दिन में एक या दो बार किया जा सकता है।

सूखी खांसी/ गले में खराश के दौरान

      1. ताजे पुदीना के पत्तों या अजवाईन के साथ दिन में एक बार भाप लिया जा सकता है।

      2. खांसी या गले में जलन होने पर लवंग (लौंग) पाउडर को गुड़/ शहद के साथ मिलाकर दिन में 2 से 3 बार लिया जा सकता है।

      3. ये उपाय आमतौर पर सामान्य सूखी खांसी और गले में खराश का इलाज करते हैं। लेकिन लक्षण के बरकरार रहने पर डॉक्‍टर से परामर्श लेना सबसे अच्छा रहेगा।

उपरोक्त उपाय व्‍यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं। देश भर से प्रख्यात वैद्यों के नुस्‍खों के आधार पर इन उपायों की सिफारिश की गई है क्योंकि इससे संक्रमण के खिलाफ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। उन वैद्यों में कोयम्‍बटूर के पद्म श्रीवैद्य पीआर कृष्णकुमार, दिल्‍ली केपद्म भूषण वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा, कोट्टाकल के वैद्य पीएम वारियर, नागपुर के वैद्य जयंत देवपुजारी, ठाणे के वैद्य विनय वेलंकर, बेलगांव के वैद्य बीएस प्रसाद, जामनगर के पद्म श्री वैद्य गुरदीप सिंह, हरिद्वार के आचार्य बालकृष्णजी, जयपुर केवैद्य एमएस बघेल, हरदोई के वैद्य आरबी द्विवेदी, वाराणसी के वैद्य केएन द्विवेदी, वाराणसी के वैद्य राकेश, कोलकाता के वैद्य अबीचल चट्टोपाध्याय, दिल्‍ली कीवैद्य तनुजा नेसारी, जयपुर के वैद्य संजीव शर्माऔर जामनगर केवैद्य अनूप ठाकरशामिल हैं।

आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 के दावों को लेकर सावधानी बरतने का अनुरोध किया और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैज्ञानिक और साक्ष्य आधारित उपायों को लेकर काम शुरू किया

कोविड-19 के इलाज के बारे में बिना साक्ष्य समर्थन वाले बड़े दावों को रोकने में मदद के लिए प्रधानमंत्री द्वारा जो आह्वान किया गया था, उस दिशा में आयुष मंत्रालय ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं ताकि जागरूकता पैदा करके इस तरह के दावों पर अंकुश लगाया जा सके। इसके अलावा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की उस सलाह पर भी काम करना शुरू कर दिया है जिसमें उन्होंने इस महामारी का प्रसार रोकने के लिए आयुष प्रणालियों से साक्ष्य आधारित समाधान प्राप्त करने हेतु आयुष चिकित्सकों और आयुष संस्थानों से विभिन्न सुझावों और प्रस्तावों को सूचीबद्ध करने के लिए एक चैनल की स्थापना करके के लिए कहा था, और वैज्ञानिकों के एक समूह के माध्यम से उनकी व्यवहार्यता की जांच कराने के लिए कहा था।

मंत्रालय आयुष चिकित्सकों तक पहुंचने और झूठे एवं असमर्थित दावों को रोकने और उन्हें हतोत्साहित करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और सोशल मीडिया जैसे मंचों का उपयोग कर रहा है। 30 मार्च 2020 को आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में आयुष के विभिन्न विषयों के लगभग सौ विचार नेताओं ने भाग लिया। अन्य बातों के अलावा, उन्होंने इस तरह के अनुचित दावों के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए काम करने का भी संकल्प लिया। रेल और वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल और आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद नाइक ने 30 मार्च 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस में आयुष उद्योग के नेताओं को संबोधित किया।

आयुष प्रणाली से वैज्ञानिक साक्ष्य-आधारित उपाय ढूंढ़ने की दिशा में काम करने के प्रधानमंत्री के आह्वान पर आयुष मंत्रालय द्वारा शुरू की जा रही कार्रवाई में से एक हैअपनी वेबसाइट पर एक ऑनलाइन चैनल स्थापित करना। ताकि उन मानक वैज्ञानिक दिशानिर्देशों के आधार पर तैयार की गई थैरेपी या प्रक्रियाओं पर वैज्ञानिक स्पष्टीकरणों और प्रस्तावों के आधार पर सुझाव प्राप्त कर सकें जो कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोक सकती हैं, या इस बीमारी का प्रबंधन कर सकती हैं। मंत्रालय ने तदनुसार आयुष चिकित्सकों और आयुष संस्थानों से इनपुट आमंत्रित किए हैं (इन संस्थानों में कॉलेज / विश्वविद्यालय, अस्पताल, अनुसंधान संस्थान, आयुष विनिर्माता, आयुष संघ आदि शामिल हो सकते हैं)। निम्नलिखित लिंक पर मंत्रालय की वेबसाइट पर इनपुट प्रस्तुत किए जा सकते हैं: http://ayush.gov.in/covid-19 (अगर क्लिक करने पर ये लिंक नहीं खुलता है तो आप कॉपी करके अपने वेब ब्राउज़र पर पेस्ट करें।)

प्राप्त किए गए इनपुट्स की जांच विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा की जाएगी। इस जांच समिति द्वारा सुझाए गए उन प्रस्तावों को विभिन्न विशिष्टताओं के वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा जांचा-परखा जाएगा। जहां भी संभव हो, उन प्रस्तावों को सत्यापन अध्ययन के लिए उपयोग में लिया जा सकता है।

28 मार्च 2020 को आयुष क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बातचीत में पीएम ने संबंधित विचार व्यक्ति किए थे।

डिस्‍क्‍लेमर: उपरोक्त सलाह कोविड-19 के इलाज के लिए दावा नहीं करती है।

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