कांग्रेस पार्टी ने बढ़ाया मजदूरों के लिए मदद का हाथ
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई श्रमिक-कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा के टिकट का खर्च उठाएगी और जरूरी कदम उठाएगी.
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा प्यारे श्रमिक भाइयों और बहनों,
किसान देश का अन्नदाता है, तो श्रमिक और कामगार देश का राष्ट्र निर्माता। हर देशवासी को असीम दर्द हुआ जब हजारों श्रमिक भाइयों और बहनों को सैकड़ों किलोमीटर भूखे, प्यासे मजबूरी में पैदल घर वापस जाते देखा।
मुझे मालूम है कि आज भी देश के अलग – अलग कोनों में लाखों श्रमिक भाई और बहनें मुश्किल में फंसे हैं और कोरोना महामारी के इस समय में घर वापस जाने के लिए इंतजार कर रहे हैं। साधन और पैसा तो दूर की बात है, पूरे राशन तक की व्यवस्था नहीं और ना ही लॉकडॉउन की इस घड़ी में काम का कोई इंतजाम।
आए दिन जब देश के अलग – अलग कोनों से उठ रही है हमारे श्रमिक भाइयों और बहनों की आवाज और पीड़ा को हम सब सुनते-देखते हैं तो यह लगता है कि यह आवाज परिवार के एक सदस्य की है, यह आवाज एक मां की है, एक पति की है, एक बेटे की है, जो अपने बच्चों, पत्नी, मां – बाप तक पहुंचना चाहता है। इस पुकार ने सचमुच हम सबका दिल छुआ है। मुझे और हर साथी को यह देखकर और भी पीड़ा होती है कि संकट की इस घड़ी में भारत सरकार और रेल मंत्रालय घर वापस लौटने के लिए रेल यात्रा का किराया और स्पेशल चार्ज वसूल रहे हैं।
उम्मीद थी कि दान में आए हजारों करोड़ रुपए पर पहला अधिकार हमारे राष्ट्र निर्माताओं का होगा और इस पैसे का इस्तेमाल आप सबको सुरक्षित और निशुल्क रेल यात्रा के लिए सबसे पहले किया जाएगा। पीड़ा यह भी है कि ऐसा हुआ नहीं। यह विकट हालात देखकर कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया कि हर प्रदेश में जरूरतमंद श्रमिक भाइयों और बहनों के घर लौटने के लिए रेल यात्रा का खर्च उठाएंगे।
मैं उम्मीद करती हूं कि आप सब जल्दी से जल्दी अपने प्रियजनों के पास पहुंच पाएंगे। महात्मा गांधी जी ने कहा था कि खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है कि खुद को दूसरों की सेवा में खो दो। सेवा का यह संकल्प ही हमारे श्रमिक भाइयों और बहनों को उनके घर तक सुरक्षित वापस पहुंचाने की हमारी प्रेरणा है। इस कर्तव्य को हम मजबूती से निभाएंगे।
जय हिन्द।